उत्तर:
भक्ति युग के दौरान पूजा की विधा भजन गाकर विभिन्न स्थानों की यात्रा थी। इन भजनों को भक्तों ने अपने देवताओं की स्तुति में गाया था। इन भक्तों द्वारा गाए गए भजन तमिल में थे।
भक्ति आंदोलन दक्षिण भारत में भगवान शिव के भक्तों और भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा शुरू किया गया था। भगवान शिव के भक्त नयनार के नाम से जाने जाते थे और भगवान विष्णु के भक्त अलवर के नाम से जाने जाते थे।
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