भरसक का समास विग्रह क्या है?

भरसक का समास विग्रह क्या है?
Posted on 10-06-2023

भरसक का समास विग्रह क्या है?

भरसक (Bharsak) शब्द को द्वंद्व समास के तहत समझने के लिए आपको इसे दो भागों में विभाजित करना होगा।

  1. भर (Bhar): यह शब्द "पूर्ण" का अर्थ होता है। यहां भर संज्ञा का प्रयोग किया गया है जो किसी वस्तु को उसकी अवधि तक भरने का अर्थ देता है।

  2. सक (Sak): यह शब्द "सक्षम" का अर्थ होता है, जो किसी कार्य को करने की क्षमता या योग्यता को दर्शाता है।

इस प्रकार, भरसक (Bharsak) शब्द का अर्थ होता है "पूर्णतया सक्षम" या "पूरी तरह से सक्षम"। इस समास विग्रह के माध्यम से, दो समानार्थी शब्दों को संयोजित करके एक नया शब्द बनाया जाता है, जिससे व्यक्ति की पूरी या पूर्णताया क्षमता को दर्शाने का अर्थ निकलता है।

 

भरसक (Bharsak) शब्द एक द्वंद्व समास का उदाहरण है, जिसे संस्कृत व्याकरण में प्रयोग किया जाता है। द्वंद्व समास को विग्रह और विश्लेषण करने के लिए हमें इसे अधिक विस्तार से समझना होगा। यहां हम भरसक (Bharsak) शब्द के प्रत्येक अंश की व्याख्या करेंगे और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भर (Bhar): भर शब्द का अर्थ होता है "पूर्ण"। यह शब्द "भरने" के क्रियात्मक रूप को दर्शाता है, जो किसी वस्तु को उसकी अवधि तक भरने की क्रिया को दर्शाता है। भर शब्द का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है और इसका अनुवाद करने के लिए अनेक मार्ग हो सकते हैं, जैसे "पूर्णता", "पूरा होना", "संतुष्ट होना" आदि। यह शब्द भरसक (Bharsak) शब्द के द्वारा अपना एक पहलू प्रदर्शित करता है और शब्द की अर्थपूर्णता को संकेतित करता है।

सक (Sak): सक शब्द का अर्थ होता है "सक्षम" या "योग्य"। यह शब्द व्यक्ति की क्षमता, सामर्थ्य, योग्यता, अद्यतनता आदि को दर्शाता है। यह शब्द भरसक (Bharsak) शब्द के द्वारा दूसरा पहलू प्रदर्शित करता है और व्यक्ति की पूरी या पूर्णताया क्षमता को दर्शाता है।

भरसक (Bharsak) शब्द एक संयोजी समास है, जिसमें दो समानार्थी शब्दों को संयुक्त करके एक नया शब्द बनाया जाता है। यह समास विग्रह व्याकरण में व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला है और इसका उपयोग विविध साहित्यिक रचनाओं में किया जाता है।

द्वंद्व समास के अलावा, इसे अन्य प्रकार के समास जैसे कि तत्पुरुष समास और द्विगु समास से भी अलग किया जा सकता है। इस समास का उपयोग मुख्य रूप से संस्कृत और हिंदी भाषा में किया जाता है। संस्कृत में द्वंद्व समास बहुत प्रचलित हैं और यह भाषा के व्याकरणिक नियमों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भारतीय साहित्य और व्याकरण शास्त्र में, द्वंद्व समास को व्याख्यात और विस्तार से अध्ययन किया जाता है। इसका उपयोग कविताओं, गीतों, उपन्यासों और नाटकों में एक शब्द के द्वारा विभिन्न रंग और रूपों की व्यंजना करने के लिए किया जाता है। द्वंद्व समास की सही उपयोग से, लेखक अपने शब्दों को सटीकता और प्रभावशीलता के साथ प्रस्तुत करते हैं और पाठकों को व्यंजनात्मक और सुरुचिपूर्ण भाषा अनुभव प्रदान करते हैं।

इस प्रकार, भरसक (Bharsak) शब्द एक द्वंद्व समास है जो संस्कृत और हिंदी व्याकरण में प्रयोग होता है। इसका अर्थ होता है "पूर्णताया सक्षम" और यह एक संयोजी समास के रूप में उपयोग किया जाता है। द्वंद्व समास का उपयोग साहित्यिक रचनाओं में किया जाता है और इसके द्वारा भाषा की सुंदरता और प्रभावशीलता को बढ़ाया जाता है। भरसक (Bharsak) शब्द के उदाहरणों के माध्यम से हम व्याकरणिक नियमों को समझ सकते हैं और भाषा के प्रभावशाली उपयोग का आनंद ले सकते हैं।

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