जी 20 क्या है (G 20 Kya Hai)

जी 20 क्या है (G 20 Kya Hai)
Posted on 10-06-2023

जी 20 क्या है (G 20 Kya Hai)

जी-20 (G-20) एक विश्व स्तरीय मंच है जिसमें दुनिया की महत्वपूर्ण आर्थिक शक्तियाँ शामिल होती हैं और यह वैश्विक आर्थिक प्रशासन को प्रभावित करता है। जी-20 का संक्षेप में अर्थ होता है कि यह एक संगठन है जिसमें 20 विभिन्न देशों के प्रमुख नेता एकत्रित होते हैं। यह देश और इवेंट का चयन संयुक्त राष्ट्र में देशों के आर्थिक महत्व के आधार पर किया जाता है।

जी-20 में शामिल देश अल्जीरिया, आर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, गुर्जिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राष्ट्र के उप-सदस्य यूरोपीय संघ (यूई) शामिल हैं। इन देशों को संयुक्त रूप से जी-20 बनाने का उद्देश्य यह है कि वे आपस में सहयोग कर सकें, आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करें, संबंधित मामलों पर सहमति बनाएं और संगठन में एकजुट रूप से काम करें।

जी-20 का स्थापना 1999 में हुई थी जब एशिया के आर्थिक महाशक्ति वाले देशों में वित्तीय संकट उठ रहा था। उस समय, देशों ने एक ऐसे मंच की आवश्यकता महसूस की जो अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर कर सके और सहयोग कर सके। यह मंच समान बचत और वित्तीय संस्थाओं के नियमों को स्थापित करने, राजनीतिक नेताओं को आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श करने, विकासशील और विकासहीन देशों को सहयोग करने के लिए बनाया गया था।

जी-20 के सदस्य देश विश्व की कुल ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीएसडीपी) का लगभग 80% और विश्व जनसंख्या का लगभग 75% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए, जी-20 को आर्थिक और वित्तीय मामलों पर महत्वपूर्ण नजर रखना चाहिए। यह मंच आर्थिक मुद्दों को समाधान करने और वैश्विक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जी-20 के माध्यम से, सदस्य देश संयुक्त रूप से आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर सहमति के माध्यम से काम करते हैं। ये मुद्दे बाजार संकट, वैश्विक मानदंडों का पुनराराम्भ, वित्तीय निर्गमन, सतत विकास और ऊर्जा सुरक्षा जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके अलावा, जी-20 में वैश्विक वाणिज्यिकता, जलवायु परिवर्तन, रोजगार, मध्यस्थता, वित्तीय सहायता, गरीबी उन्मूलन, बाजार की निगरानी और निर्माणाधीन देशों के विकास के मामले पर भी चर्चा की जाती है।

जी-20 समिट कार्यक्रम सालाना रूप से आयोजित होता है और इसमें सदस्य देशों के नेता और उनके आर्थिक नीतिकर्मी शामिल होते हैं। इसके अलावा, आर्थिक मंच के तहत कई उप-समिटें और गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं, जहां विशेषज्ञों और अन्य साक्षात्कारदाताओं की सहायता से आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है।

जी-20 की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैश्विक आर्थिक मामलों के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत और व्यावसायिक नेतृत्व प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सके और विपणन, निवेश, यात्रा और व्यापार में सुधार हो सके। इसके माध्यम से देशों के बीच सामरिकता और सहमति को स्थापित किया जाता है, जिससे वे संबंधित मामलों पर सहयोग कर सकें और संगठन में एकजुट रूप से काम कर सकें।

जी-20 के सदस्य देशों के नेता और नीतिकर्मी बैठकों में भाग लेते हैं और आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं। इन बैठकों में नेताओं के अलावा केंद्रीय बैंकों के अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख और विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं। इन बैठकों में आर्थिक विकास, ऊर्जा नीतियाँ, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक वाणिज्यिकता, रोजगार और गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श होता है।

जी-20 के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, जी-20 समिट के बारे में अधिक जानकारी और संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी देखी जा सकती है। इसके साथ ही, विभिन्न संदर्भ पुस्तकें, शोध पत्र और अन्य संसाधनों में भी जी-20 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

जी-20 एक महत्वपूर्ण वैश्विक मंच है जो आर्थिक मामलों पर सहयोग करता है, वैश्विक आर्थिक नीतियों का समाधान करता है और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद करता है। यह देशों के बीच सहयोग, समरसता और सहमति को स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है और यह आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी-20 के माध्यम से देशों के बीच गहरी संयुक्तता और भरोसा पैदा किया जा सकता है, जो वैश्विक आर्थिक समृद्धि और विकास को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

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