लोकतंत्र में सोशल मीडिया की चुनौतियां - GovtVacancy.Net
Posted on 02-07-2022
लोकतंत्र में सोशल मीडिया की चुनौतियां
- कॉरपोरेट और राजनीतिक शक्ति ने प्रिंट और विजुअल दोनों मीडिया के बड़े हिस्से को अभिभूत कर दिया है, जो निहित स्वार्थों को जन्म देता है और स्वतंत्रता को नष्ट कर देता है।
- ध्रुवीकरण और विभाजनकारी सामग्री का उदय आधुनिक राजनीति का एक निर्णायक क्षण रहा है, जिसे सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से नकली समाचारों के प्रसार से पोषित किया जाता है।
- आईपीसी की धारा 124ए जिसके तहत देशद्रोह के लिए आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, पत्रकारों की स्वतंत्रता को खतरे में डालती है । इससे पत्रकारों में स्वतंत्र रूप से काम करने का डर पैदा हो गया है।
- सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों पर कुछ दायित्व लागू करता है।
- एक और खतरनाक तत्व अधिक तर्कसंगत आवाजों या सरकार के कार्यों या प्रमुख सार्वजनिक प्रवचन से असहमत लोगों को "राष्ट्र-विरोधी" के रूप में लेबल करना और ट्रोल करना है।
- भारत में पुलिस द्वारा कई आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था, जिसके सभी सदस्यों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उनके आकाओं द्वारा तैयार, प्रशिक्षित, वित्त पोषित और सशस्त्र किया गया था।
- दुनिया भर में, आतंकवादी कार्रवाइयों के मामले हैं, विशेष रूप से लोन वुल्फ हमले, सोशल मीडिया के माध्यम से समन्वित किए जा रहे हैं।
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