Paryavaran Shiksha Kya Hai? पर्यावरणीय शिक्षा क्या है? - What is Environmental education in Hindi?

Paryavaran Shiksha Kya Hai? पर्यावरणीय शिक्षा क्या है? -  What is Environmental education in Hindi?
Posted on 18-06-2023

Paryavaran Shiksha Kya Hai? पर्यावरणीय शिक्षा क्या है? -  What is Environmental education in Hindi?

 

  1. पर्यावरणीय शिक्षा एक महत्वपूर्ण शिक्षा प्रक्रिया है जो पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन, और स्थायी विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

  2. यह छात्रों को पर्यावरणीय मुद्दों की समझ, पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता, और संगठन कौशल प्रदान करती है।

  3. छात्रों को वैज्ञानिक और तकनीकी अभियांत्रिकी कौशल, सामाजिक-पारिस्थितिकी समझ, और सतत संवेदनशील विकास की क्षमता मिलती है।

  4. पर्यावरणीय शिक्षा छात्रों को पर्यावरणीय संगठनों और समुदायिक संघों में सक्रिय भागीदारी की संरचना करने के लिए प्रेरित करती है।

  5. छात्रों को पर्यावरणीय तकनीकी समस्याओं को समझने और हल करने के लिए संकल्प और नवाचार की आवश्यकता की समझ होती है।

  6. यह छात्रों को पर्यावरणीय समस्याओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक पहलुओं की समझ प्रदान करती है।

  7. छात्रों को सामाजिक न्याय, समरसता, संरचनात्मक परिवर्तन, साझेदारी, और वैश्विक सहयोग के महत्व की समझ होती है।

  8. पर्यावरणीय शिक्षा छात्रों को परिवर्तनों की जागरूकता और उनके प्रभाव को महसूस करने की क्षमता प्रदान करती है।

  9. यह छात्रों को उनके कार्यों और निर्णयों के पर्यावरणीय प्रभाव की समझ होती है।

  10. पर्यावरणीय शिक्षा छात्रों को सतत रूप से संवेदनशील नागरिकता के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

 

पर्यावरण शिक्षा, जिसे अंग्रेजी में 'Environmental Education' कहा जाता है, पर्यावरणीय मुद्दों और स्थितियों को समझने और संरक्षण के महत्व को संज्ञान कराने के लिए मानवों को जागरूक और सक्षम बनाने की एक प्रक्रिया है। पर्यावरणीय शिक्षा व्यक्ति को पर्यावरणीय ज्ञान, जागरूकता, और संवेदनशीलता के साथ अपने पर्यावरण के प्रति जवाबदेही के प्रतीक बनाती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि लोग पर्यावरण की संरक्षण की जिम्मेदारी समझें और अपनी हरकतों को पर्यावरण के प्रति सावधान बनाएं। इसके माध्यम से हम एक ऐसे समाज की ओर प्रगति करते हैं जहां जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिकीकरण, और पर्यावरणीय बदलावों के कारण बढ़ते हुए पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान संभव होता है।

पर्यावरण शिक्षा विभिन्न आयामों को सम्मिलित करती है, जिनमें प्राकृतिक विज्ञान, वातावरणीय अध्ययन, पारिस्थितिकी, समाजशास्त्र, आर्थिक विज्ञान, नागरिकता और सामाजिक विज्ञान शामिल हैं। पर्यावरणीय शिक्षा इसे संज्ञान और अनुभव के माध्यम से उचित समय पर प्रदान करती है, जिससे छात्रों को पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता विकसित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य है समाज के सदस्यों को ज्ञान, कौशल और धारणाओं के माध्यम से पर्यावरणीय समस्याओं को समझने और निपटाने के लिए प्रोत्साहित करना।

पर्यावरण शिक्षा के लिए कई विभिन्न उद्देश्य हैं, जैसे कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाना, प्रकृति के साथ संवाद और संवेदनशीलता विकसित करना, पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति सक्रियता बढ़ाना, स्थायी और संवेदनशील पर्यावरणीय गतिविधियों को प्रमोट करना, और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाना। इसके अलावा, पर्यावरण शिक्षा संदेशों को बदलने और सकारात्मक बदलाव प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

पर्यावरणीय शिक्षा विभिन्न स्तरों पर प्रभावी रूप से संचालित की जा सकती है, जैसे कि स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सामुदायिक संगठनों और सरकारी अभियांत्रिकी संस्थानों में। यह छात्रों को पर्यावरणीय विषयों पर ज्ञान, अभियांत्रिकी, प्रयोगशाला कार्यक्रम, केस स्टडी, नैचुर वॉक्स, पर्यावरणीय दृष्टिकोण और वातावरणीय प्रबंधन के माध्यम से सिखाती है।

पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से छात्रों को प्राकृतिक संसाधनों के महत्व, उनके विकास के तरीके, पर्यावरणीय समस्याओं के कारण और प्रभाव, पर्यावरणीय न्याय, और सुस्त विकास के महत्व के बारे में जागरूकता प्राप्त होती है। इसके अलावा, पर्यावरणीय शिक्षा स्वास्थ्य, जीव-विज्ञान, वनस्पति-विज्ञान, जलवायु विज्ञान, और जीव-मानविकी जैसे विषयों को भी संलग्न कर सकती है।

पर्यावरणीय शिक्षा का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है पर्यावरणीय जागरूकता को विकसित करना। यह छात्रों को प्रभावी तरीके से संदेश प्रदान करती है ताकि वे पर्यावरणीय समस्याओं को गंभीरता से ले और उन्हें हल करने के लिए कर्मठ हो सकें। इससे उन्हें पर्यावरणीय मुद्दों पर सोचने, संशोधन करने और क्रियान्वयन करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

एक और महत्वपूर्ण पहलू वातावरणीय जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ाना है। पर्यावरणीय शिक्षा के माध्यम से, छात्रों को उनके आस-पास के पर्यावरण की सुंदरता और महत्व का अनुभव होता है। इससे उन्हें स्वाभाविक रूप से पर्यावरण की सम्पूर्णता की समझ होती है और उन्हें इसकी संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाने में मदद मिलती है।

पर्यावरणीय शिक्षा छात्रों को गर्मी के दिनों में जल की बचत करने, पौधों को लगाने, प्रदूषण कम करने, बिजली और पानी के इस्तेमाल में संवेदनशीलता बढ़ाने, और पर्यावरण संरक्षण संगठनों के साथ सहयोग करने की आदत डालती है। इसके अलावा, छात्रों को प्राकृतिक जीवन शैली को जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जैसे कि जीवन के प्राकृतिक उत्सव मनाना, हरित दीपावली के तहत पेड़ों को लगाना, और नदी बैंक संरक्षण कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी लेना।

पर्यावरणीय शिक्षा का एक अन्य महत्वपूर्ण आयाम समाजिक न्याय की संरचना में सहायता करना है। यह छात्रों को भू-सम्पदा के उपयोग की समझ, अनुचित पर्यावरणीय गतिविधियों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने, और पर्यावरणीय न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। यह सामाजिक न्याय के माध्यम से संरक्षित पर्यावरण की विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए छात्रों को प्रेरित करती है।

पर्यावरणीय शिक्षा के माध्यम से हमें संगठित और न्यायसंगत पर्यावरणीय प्रबंधन के लिए कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है। यह छात्रों को प्रभावी प्रबंधन कौशल, संसाधन व्यवस्था, वातावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन, सामग्री विनिर्माण और उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरणीय नीतियों का अनुपालन, और संरक्षण की विधियों की समझ प्रदान करती है। यह हमें धारण कराती है कि पर्यावरणीय संसाधनों को सुरक्षित और विकासशील ढंग से प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।

पर्यावरणीय शिक्षा के माध्यम से हमें स्वास्थ्यप्रद और संतुलित पर्यावरण की ओर संकेत करता है। यह छात्रों को प्राकृतिक स्वास्थ्य के महत्व की समझ, शुद्धता के मानकों का पालन, खाद्य सुरक्षा, जल संरक्षण, विषाणु संरक्षण, और पर्यावरण में विषाणु प्रदूषण के प्रति जागरूकता प्रदान करती है। इससे छात्रों को स्वास्थ्यप्रद और सुरक्षित वातावरण में रहने के लिए जरूरी नियमों और नियमों का पालन करने की सही संज्ञा होती है।

पर्यावरणीय शिक्षा का महत्वपूर्ण एक उद्देश्य संगठन क्षमता का विकास है। यह छात्रों को समाजिक संगठनों और सामुदायिक संघों में सक्रिय भागीदारी की संरचना करने के लिए प्रेरित करती है। इससे छात्रों को संगठनात्मक कौशल, सहभागिता, नेतृत्व, टीमवर्क, संघटना, और सामाजिक परिवर्तन के प्रति जागरूकता मिलती है। इसके माध्यम से, छात्र स्वयं को गतिशील संगठनों के लिए एक सक्रिय सदस्य के रूप में साबित कर सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को सुनिश्चित करने के लिए योग्य नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।

पर्यावरणीय शिक्षा का एक और महत्वपूर्ण आयाम है वैज्ञानिक और तकनीकी अभियांत्रिकी कौशल का विकास। यह छात्रों को प्रदूषण नियंत्रण तकनीकों, वायु और जल प्रदूषण नियंत्रण के तकनीकों, बायोमास ऊर्जा प्रविधियों, उर्जा संगठन और प्रबंधन के मानकों, पर्यावरण अभियांत्रिकी, और प्रदूषण निगरानी तकनीकों की समझ प्रदान करती है। इससे छात्रों को पर्यावरणीय तकनीकी समस्याओं को समझने और हल करने के लिए संकल्प और नवाचार की आवश्यकता की समझ होती है।

पर्यावरणीय शिक्षा के माध्यम से हमें समाजिक-पारिस्थितिकी समझ में मदद मिलती है। यह छात्रों को पर्यावरणीय समस्याओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक पहलुओं की समझ प्रदान करती है। छात्रों को समाजिक न्याय, समरसता, संरचनात्मक परिवर्तन, साझेदारी, और वैश्विक सहयोग के महत्व की समझ होती है। इसके माध्यम से, छात्र समग्र पर्यावरणीय संरक्षण और स्थायी विकास के लिए समर्थ होते हैं।

पर्यावरणीय शिक्षा का अंतिम उद्देश्य एक सतत संवेदनशील विकास को सबसे अधिकतम महत्व देना है। यह छात्रों को सतत रूप से उनके पर्यावरण में हो रहे परिवर्तनों की जागरूकता और उनके प्रभाव को महसूस करने की क्षमता प्रदान करती है। इससे छात्रों को उनके कार्यों और निर्णयों के पर्यावरणीय प्रभाव की समझ होती है और उन्हें सतत रूप से संवेदनशील नागरिकता के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

समाप्ति रूप में, पर्यावरणीय शिक्षा व्यापक रूप से पर्यावरण की संरक्षण, संवर्धन, और स्थायी विकास के लिए जरूरी है। यह छात्रों को पर्यावरणीय मुद्दों की समझ, पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता, संगठन कौशल, वैज्ञानिक और तकनीकी अभियांत्रिकी कौशल, सामाजिक-पारिस्थितिकी समझ, और सतत संवेदनशील विकास प्रदान करती है। इससे छात्रों को समृद्ध, स्वस्थ्य, और सुरक्षित पर्यावरण की प्राप्ति के लिए एक सशक्त नागरिक के रूप में सक्षम बनाया जा सकता है।

इस प्रकार, पर्यावरणीय शिक्षा भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण है और इसका महत्व न केवल छात्रों की शिक्षा में बल्कि व्यापक स्तर पर समाज के विकास में भी होता है। इसे संवेदनशील नागरिकता का माध्यम मानकर, हमें स्वतंत्रता, समरसता, और समृद्धि के साथ एक पर्यावरणीय संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान देने का समय है।

Thank You